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भारतीय भाषाओं के 21 बाल साहित्यकार हुए पुरस्कृत

नयी दिल्ली।  साहित्य अकादमी ने गुरुवार को 21 भाषाओं के राष्ट्रीय बाल साहित्य पुरस्कार अर्पण किये। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने प्रतिवर्ष दिए जाने वाले प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार 2023 एक भव्य समारोह में प्रदान किए। पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात अंग्रेज़ी लेखक और विद्वान हरीश त्रिवेदी थे तथा साहित्य अकादेमी की उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा ने समापन वक्तव्य दिया। बाल साहित्य पुरस्कार 2023 प्राप्त करने वाले लेखक रथींद्रनाथ गोस्वामी (असमिया), प्रतिमा नंदी नार्जारी (बोडो), बलवान सिंह जमोड़िया (डोगरी), सुधा मूर्ति (अंग्रेज़ी), रक्षाबहेन प्र. दवे (गुजराती), सूर्यनाथ सिंह (हिंदी), विजयश्री हालाडि (कन्नड), तुकाराम रामा शेट (कोंकणी), अक्षय आनंद ‘सन्नी’ (मैथिली), प्रिया ए.एस. (मलयालम), दिलीप नाङ्माथम (मणिपुरी), एकनाथ आव्हाड (मराठी), मधुसूदन बिष्ट (नेपाली), जुगल किशोर षडंगी (ओड़िया), गुरमीत कड़िआलवी (पंजाबी), किरण बादल (राजस्थानी), राधावल्लभ त्रिपाठी (संस्कृत), मानसिंह माझी (संताली), के. उदयशंकर (तमिल) और डी.के. चादुवुल बाबु (तेलुगु)‌ शामिल हैं। बंगला और सिंधी के लेखक स्वास्थ्य कारणों से समारोह में सम्मिलित नहीं हो पाए तथा स्वर्गीय मतीन अचलपुरी (उर्दू) का पुरस्कार उनके सुपुत्र यूसुफ़ ने ग्रहण किया । इस वर्ष कश्मीरी में कोई पुरस्कार नहीं दिया गया है। इस अवसर पर साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि बाल साहित्य हमारी सभ्यता का मुख्य आधार रहा है और हर समाज को इसकी ज़रूरत होती है। बच्चों को भावी सजग नागरिक बनाने के लिए बाल पुस्तकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

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