दरभंगा में एम्स को मिली कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली।
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले बिहार को सौगात मिलने का मामला जारी है। मोदी की उपस्थिति में कैबिनेट से आज दरभंगा में एम्स को मंजूरी मिल गई। 1264 करोड़ की लागत से बनने वाले दरभंगा एम्स का निर्माण कार्य 48 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले दिनों ही वित्त मंत्रालय ने एम्स निर्माण में आने वाली लागत को हरी झंडी दे दी थी। प्राइमरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा एम्स 750 बेड का होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में शहरी बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) से संबंधित 7 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें जल आपूर्ति, सीवरेज ट्रीटमेंट और रिवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं। आज का ये कार्यक्रम, एक विशेष दिन पर हो रहा है। आज हम इंजीनियर्स डे मना रहे हैं। ये दिन देश के महान इंजीनियर एम.विश्वेश्वरैया जी की जन्म-जयंती का है,उन्हीं की स्मृति को समर्पित है, भारतीय इंजीनियरों ने हमारे देश के निर्माण में और दुनिया के निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान किया है।
पीएम ने कहा, जब शासन पर स्वार्थनीति हावी हो जाती है, वोटबैंक का तंत्र सिस्टम को दबाने लगता है, तो सबसे ज्यादा असर समाज के उस वर्ग को पड़ता है, जो प्रताड़ित है, वंचित है, शोषित है। बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है। बीते डेढ़ दशक से नीतीश जी, सुशील जी और उनकी टीम समाज के सबसे कमज़ोर वर्ग के आत्मविश्वास को लौटाने का प्रयास कर रही है। जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है, उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के शहरों में पीने के पानी और सीवर जैसी मूल सुविधाओं में निरंतर सुधार हो रहा है। मिशन अमृत और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत बीते 4-5 सालों में बिहार के शहरी क्षेत्र में लाखों परिवारों को पानी की सुविधा से जोड़ा गया है। बीते 1 साल में, जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में 2 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। आज देश में हर दिन 1 लाख से ज्यादा घरों को पाइप से पानी के नए कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है। स्वच्छ पानी, न सिर्फ जीवन बेहतर बनाता है बल्कि अनेक गंभीर बीमारियों से भी बचाता है।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, शहरीकरण आज के दौर की सच्चाई है लेकिन कई दशकों से हमारी एक मानसिकता बन गई थी, हमने ये मान लिया था जैसे कि शहरीकरण खुद में कोई समस्या है, एक बहुत बड़ी बाधा है, लेकिन मेरा सोचना अलग है, अगर समस्या लगती है तो उसमें अवसर भी उपलब्ध है। गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने का अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे इसमें पर्यटन के आधुनिक आयाम भी जुड़ते जा रहे हैं। नमामि गंगे मिशन के तहत बिहार सहित पूरे देश में 180 से अधिक घाटों के निर्माण का काम चल रहा है। इसमें से 130 घाट पूरे भी हो चुके हैं।