विशेष ऑडिट के आदेश से छूट देने की श्री पद्मनाभस्वामी ट्रस्ट की अर्जी खारिज

नई दिल्ली, 

उच्चतम न्यायालय ने तिरुवनंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर ट्रस्ट की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें मंदिर के लिए 25 साल के विशेष ऑडिट के आदेश से छूट देने का आग्रह किया गया था। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की खंडपीठ ने कहा कि विशेष ऑडिट का उद्देश्य मंदिर तक सीमित नहीं होना था और इसमें ट्रस्ट को भी शामिल किया गया था। खंडपीठ ने मंदिर के लिए गठित प्रशासनिक समिति को प्रशासनिक पर्यवेक्षण से मुक्त करने के लिए ट्रस्ट द्वारा की गई दूसरी प्रार्थना के संबंध में कुछ भी व्यक्त करने से परहेज किया और कहा कि इसके लिए तथ्यात्मक विश्लेषण की आवश्यकता है तथा इसलिए इस मुद्दे को एक सक्षम न्यायालय के विचार के लिए छोड़ दिया गया था।


खंडपीठ ने गत 17 सितंबर को ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद पी दातार और मंदिर की प्रशासनिक समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति ललित ने पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा, “हमने पहली प्रार्थना खारिज कर दी है। यह स्पष्ट है कि ऑडिट का उद्देश्य केवल मंदिर तक ही सीमित नहीं था बल्कि ट्रस्ट तक भी था।” न्यायाधीश ने कहा कि एमिकस क्यूरी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में ऑडिट का आदेश दिया गया था।

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